PM Kisan 21 Kist Jari: देशभर के करोड़ों किसानों के लिए अच्छी खबर सामने आई है। पीएम किसान योजना की 21वीं किस्त जल्द ही उनके बैंक खाते में पहुंचने वाली है। लंबे इंतजार के बाद केंद्र सरकार ने घोषणा की है कि इस बार की किस्त 19 नवंबर को जारी की जाएगी। जो किसान इस योजना का लाभ ले रहे हैं वे समय रहते जरूरी दस्तावेज और e KYC पूरा कर लें ताकि पैसा आने में कोई दिक्कत न हो। इस लेख में हम आपको पीएम किसान योजना की 21वीं किस्त से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण जानकारी आसान और सरल भाषा में बताएंगे।
PM Kisan 21 Kist कब आएगी
केंद्र सरकार ने आधिकारिक जानकारी देते हुए बताया है कि पीएम किसान योजना की 21वीं किस्त 19 नवंबर को जारी की जाएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से यह किस्त सीधे किसानों के बैंक खातों में ट्रांसफर की जाएगी। इस योजना के तहत साल में तीन किस्तों में कुल 6000 रुपये दिए जाते हैं। हर किस्त में किसानों को 2000 रुपये की राशि मिलती है। इस बार की किस्त करोड़ों किसानों के लिए दिवाली के बाद एक और बड़ी राहत साबित होगी क्योंकि किसान इस राशि का उपयोग अपनी फसल और खेती की जरूरतों पर कर सकेंगे।
अब तक कितनी किस्तें मिल चुकी हैं
पीएम किसान योजना के तहत अब तक 11 करोड़ किसानों को लाभ मिल चुका है। सरकार की ओर से किसानों के खाते में कुल 3.70 लाख करोड़ रुपये ट्रांसफर किए जा चुके हैं। यह योजना फरवरी 2019 में शुरू की गई थी और तब से लेकर अब तक 20 किस्तें जारी हो चुकी हैं। पिछली यानी 20वीं किस्त 2 अगस्त 2025 को जारी की गई थी जिसमें 9.7 करोड़ किसानों को लाभ मिला था। इस योजना ने छोटे और सीमांत किसानों को बड़ी आर्थिक मदद दी है जिससे खेती का बोझ काफी कम हुआ है।
अपनी पात्रता कैसे चेक करें
कई किसान यह जानना चाहते हैं कि उनका नाम लाभार्थियों की सूची में है या नहीं। इसके लिए आपको pmkisan.gov.in वेबसाइट पर जाना होगा। यहां आप अपने मोबाइल नंबर या आधार नंबर से लॉगिन करके पात्रता चेक कर सकते हैं। आप यह भी देख सकते हैं कि आपकी किस्त मंजूर हुई है या नहीं। अगर किसी कारण से आपका नाम सूची में नहीं दिखाई दे रहा है तो आप अपने नजदीकी कृषि कार्यालय में जाकर जानकारी ले सकते हैं।
किसानों के लिए यह किस्त क्यों जरूरी है?
पीएम किसान योजना के तहत मिलने वाली राशि छोटे किसानों के लिए आर्थिक सहारा देती है। इस पैसे से वे बीज, खाद, दवाई और खेती के अन्य कार्यों में मदद लेते हैं। त्योहारों के बाद यह राशि किसानों के लिए खास उपयोगी होती है क्योंकि इसी समय खेती से जुड़ी तैयारियां तेज हो जाती हैं। सरकार का उद्देश्य है कि किसान आर्थिक रूप से मजबूत हों और खेती बिना किसी रुकावट के जारी रख सकें।